जयशंकर प्रसाद का जन्म 30 जनवरी सन् 1890 में काशी के सराय गोवर्धन में हुआ था। प्रसाद जी की प्रारम्भिक शिक्षा काशी में हुई जिसके बाद उनकी शिक्षा का प्रबंध घर पर ही किया गया जहाँ उन्होंने संस्कृत, हिन्दी, उर्दू तथा फारसी का अध्ययन किया। उन्हें हिन्दी कवि, नाटककार, उपन्यासकार और बहुत सी उपाधियों के साथ सम्मानित किया गया। 15 नवम्बर 1937 में उनका क्षय रोग के कारण काशी में निधन हो गया। यह नाटक मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य के उत्थान की और महाशक्तिशाली मगध के राजा धनानन्द के पतन की कथा हैं। यह चाणक्य के प्रतिशोध और विश्वास की कहानी भी है।