बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय का जन्म सन् 1838 को एक खुशहाल बंगाली परिवार में हुआ था। वे बांग्ला भाषा के प्रख्यात उपन्यासकार एवं कवि थे। बंकिमचन्द्र ने भारतीय मानवीय भावों को सहज शब्दों में दर्शाया है। धर्म, समाज, जाति एवं राजनीति के मुद्दों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला है, भारतीय मध्यमवर्गीय परिवार इनकी रचनाओं में अपनी छवि को देखता है। भारतीय स्वतंत्राता संग्राम वेफ क्रांतिकारियों के लिए ये प्रेरणास्रोत थे। ‘आनंदमठ’ बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखा गया प्रसिद्ध उपन्यास है। 18 वीं शताब्दी में बंगाल के अकाल की पृष्ठभूमि में लिखित, यह ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ संन्यासी विद्रोह को दर्शाता है। यह पुस्तक ‘स्वतंत्राता’ के लिए भारत के संघर्ष का पर्याय है।