पंचतंत्र भारतीय संस्कृति, भारतीय रीती -नीति और भारत की पवित्र परम्परा का घोतक एक रतन है। विद्वान रचयिता ने इसमे हमेंशा काम आने वाली धार्मिक , आर्थिक और राजनीतिक बातो को बहुत सुंदर ढंग से सजाया है। यह ग्रन्थ अपने पाठकों को एक अभिन्न साथी के रूप मे मिलता है , जो जीवन बाहर सम्पति- विपति ,कलह -मित्रता ,हर्ष-विवाद एवं सुख दुख के समय असीम प्रेम के साथ हाथ बढाने को तैयार रहता है। आप कैसी भी स्थिति में क्यो न हो , इसके कुछ पन्नो को पद लीजीए। यह तुरंत आपको कोई ऐसी बात बताएगा कि जिससे आपको एक नयी स्फूर्ति का अनुभव होने लगेगा और आप अनायास आपने कर्तव्य मे अधिक ततपरता के साथ लग जायेँगे।