PUBLISHER – Rajpal and Sons
AUTHOR – Rangey Raghav
CLASSIFICATION – Fiction Literary
ISBN NO. – 9788170282297
LANGUAGE – Hindi
PAGES – 244
PUBLISHED DATE – 2017
BINDING – Paperback
CONDITION – New
"घरौंदा" उपन्यास, रांगेय राघव के विद्यार्थी दिनों के प्रारंभिक उपन्यासों में से एक है, जिसका पहले "घरौंदे" नामक शीर्षक से प्रकाशित किया गया था, लेकिन बाद में लेखक ने उसका शीर्षक बदल दिया। इस उपन्यास का निर्माण रांगेय राघव ने अपने विद्यार्थी जीवन के दौरान किया था।
"घरौंदा" उपन्यास के लेखक ने उस समय महसूस किया कि उपन्यास को केवल कल्पना से ही उत्कृष्ट बनाना संभव नहीं है, और इसके लिए उन्होंने वह विषय चुना जिस पर उनका पूरा अधिकार था। उपन्यास का विषय वही था जिसमें लेखक उस समय रह रहा था जब वह अपने रचनाकाल का अनुभव कर रहे थे।
यह उपन्यास रांगेय राघव की प्रारंभिक कृतियों के बावजूद, उनकी उपन्यासकृति के रूप में महत्वपूर्ण बना और सभी के बीच बहुचर्चित रहा। "घरौंदा" उपन्यास ने पाठकों को उस समय की वातावरण में ले जाने की क्षमता दिखाई, साथ ही उपन्यास के विचार और संदेश आज भी मानवता के असली मूल्यों को स्पष्ट करते हैं।