HomeMeri Duniya Mere Dost | मेरी दुनिया मेरे दोस्त by Khushwant Singh - Biography & Autobiography - Rajpal and Sons
Meri Duniya Mere Dost | मेरी दुनिया मेरे दोस्त by Khushwant Singh - Biography & Autobiography - Rajpal and Sons

Meri Duniya Mere Dost | मेरी दुनिया मेरे दोस्त by Khushwant Singh - Biography & Autobiography - Rajpal and Sons

175
250
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1
Product Description

PUBLISHER Rajpal and Sons

AUTHOR – Khushwant Singh 

CLASSIFICATION – Biography & Autobiography

ISBN NO. – 9789350641699

LANGUAGE – Hindi

PAGES – 192

PUBLISHED DATE – 2013

BINDING – Paperback

CONDITION – New


"मेरी दुनिया मेरे दोस्त" एक प्रसिद्ध भारतीय लेखक खुशवंत सिंह द्वारा लिखित आत्मकथा है। खुशवंत सिंह (1915-2014) एक प्रमुख भारतीय लेखक, पत्रकार, और सियासी विचारक थे जिन्होंने अपने लेखन से समाज, साहित्य, और राजनीति के कई पहलुओं को छूने का प्रयास किया।

"मेरी दुनिया मेरे दोस्त" खुशवंत सिंह की आत्मकथा है जिसमें वे अपने जीवन के कई पहलु, अनुभव, और विचारों को साझा करते हैं। यह पुस्तक उनके जीवन के महत्वपूर्ण संघर्ष, सफलताएँ, और सीखों को उजागर करती है।

खुशवंत सिंह की आत्मकथा में उनकी व्यक्तिगत जीवनी, साहित्यिक सफलताएँ, सियासी संघर्ष, और समाज में उनके दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक उनकी अनूठी व्यक्तिगतता, उनके विचारों की गहराई, और उनके समय के समाजिक, साहित्यिक, और राजनीतिक माहौल को दिखाने में मदद करती है।

खुशवंत सिंह की आत्मकथा उनके व्यक्तिगत और साहित्यिक यात्रा को अनुभव करने का मौका प्रदान करती है और पाठकों को उनके सोच और मूल्यों के प्रति दृढ़ संकल्पित कर सकती है।

"मेरी दुनिया मेरे दोस्त" के माध्यम से खुशवंत सिंह ने अपने जीवन के अनगिनत पहलुओं को उजागर किया है और पाठकों को उनकी अनूठी कहानी को समझने और उससे प्रेरित होने का अवसर प्रदान किया है।

दोस्त-दुश्मन" खुशवंत सिंह की एक प्रसिद्ध किताब है जो उनकी चर्चित लेखनी और सोच को प्रकट करती है। इस पुस्तक में वे अपने अनूठे दृष्टिकोण और समाज की विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत करते हैं। खुशवंत सिंह ने अपनी तेज़-तर्रार कलम के माध्यम से विशेष तरीके से समाज की अग्रणी मुद्दों को उजागर किया है।

इस पुस्तक में खुशवंत सिंह ने दोस्तों और दुश्मनों के रिश्तों को, व्यक्तिगत अनुभवों को, और अपने आस-पास के समाज की सोच और मानसिकता को गहराई से जानने का अवसर प्रदान किया है। उन्होंने अपने विचारों को विभिन्न प्रकार की घटनाओं के माध्यम से प्रस्तुत किया, जिनमें समाज के विभिन्न पहलु और लोगों की मानसिकता की छवियां प्रकट होती हैं।

"दोस्त-दुश्मन" में खुशवंत सिंह ने अपने व्यक्तिगत जीवन के कई पलों को साझा किया है, जैसे कि उनकी मात्र टेरेसा से मुलाकात और उनके शहर दिल्ली की इमारतों के विवरण। इसके साथ ही, उन्होंने दिल्ली के सामाजिक और राजनीतिक माहौल को भी खास ध्यान दिया है।

खुशवंत सिंह की खास पहचान उनकी अद्वितीय लेखनी में है, जिसमें तेज़-तर्रार व्यक्ति और विचार होते हैं। उनकी लेखनी समाज में जो हो रहा है, उसे निर्माण करती है और उनकी सोच को लोगों के बीच पहुंचाती है।

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