HomeGora | गोरा by Rabindranath Tagore | Fiction Literary - Rajpal and Sons
Gora | गोरा by Rabindranath Tagore | Fiction Literary - Rajpal and Sons

Gora | गोरा by Rabindranath Tagore | Fiction Literary - Rajpal and Sons

262
375
Inclusive of taxes
Quantity
1
Product Description

PUBLISHER Rajpal and Sons

AUTHOR – Rabindranath Tagore

CLASSIFICATION – Fiction Literary 

ISBN NO. – 9789350643594

LANGUAGE – Hindi

PAGES – 426

PUBLISHED DATE – 2015

BINDING – Paperback

CONDITION – New


"गोरा" एक उपन्यास है जिसे नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था। यह उपन्यास बीसवीं सदी के प्रारंभिक वर्षों के बंगाल के समाज, राजनीति और धर्म की वास्तविकता को प्रस्तुत करता है। यह एक ऐतिहासिक वृत्तिक के रूप में उपन्यास है, जिसमें समाज के विभिन्न पहलुओं को व्यक्त किया गया है।


उपन्यास का केंद्रीय पात्र गोरा है, जो एक युवक के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिसकी मातृभाषा बंगला है और वह एक हिन्दू है, लेकिन उसका व्यक्तिगत जीवन ब्रह्मो समाज के सिद्धांतों के आधार पर आधारित है। उपन्यास के माध्यम से गोरा का संघर्ष, उसकी मानवीयता और समाज की विभिन्न समस्याओं को प्रकट किया गया है।


इस उपन्यास में द्विधातु के समाज में होने वाले टकराव, जातिवाद, धर्म, समाज से औरतों का बहिष्कार आदि जैसे मुद्दे विस्तृत रूप से प्रस्तुत किए गए हैं। गोरा के मित्रों और परिवार के माध्यम से विभिन्न विचारों और दृष्टिकोणों की प्रस्तुति की गई है, जो उस समय के समाज में प्राचीन और आधुनिक मूल्यों के बीच के संघर्ष को प्रकट करते हैं।


रवींद्रनाथ टैगोर की यह रचना एक समय की छवि बनाती है जब समाज में नई विचारधारा की तलाश थी, और उन्होंने इसे एक युवा पात्र के माध्यम से व्यक्त किया। उपन्यास के माध्यम से उन्होंने समाज की विभिन्न दिशाओं को प्रकट किया और पाठकों को उन दिनों के जीवन, चुनौतियों और मूल्यों की समझ में मदद की।

Like the product ? Share it!
Ratings & Reviews
Review this product

Secure Payments

Shipping in India

Great Value & Quality